



पिथौरा।छ.ग.सृजन 15 जुलाई 2025: महासमुंद जिला के बरनवापारा परियोजना मंडल अंतर्गत वन विकास निगम क्षेत्र के वन कक्ष क्रमांक 290 में एक मादा जंगली सुअर के शिकार का सनसनीखेज मामला सामने आया है। इस घटना ने स्थानीय वन विकास निगम व वन विभाग और ग्रामीणों के बीच हड़कंप मचा दिया है। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार,गत दिवस कक्ष क्रमांक 290 में एक मादा जंगली सुअर का शव देखा गया, जिसके बाद वन विभाग ने त्वरित कार्रवाई करते हुए मामले का संज्ञान लिया।
वन विभाग की टीम ने तत्काल मौके पर पहुंचकर जांच शुरू की और ग्राम पड़कीपाली से एक आरोपी को हिरासत में लिया। आरोपी के खिलाफ वन्यप्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 की विभिन्न धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज किया गया है। इस मामले को आगे की कार्यवाही के लिए वन विकास निगम के अधिकारियों को हस्तांतरित कर दिया गया है।

सूत्रों के अनुसार, स्थानीय ग्रामीणों ने सुबह कक्ष क्रमांक 290 में मादा जंगली सुअर का शव देखा और इसकी सूचना तुरंत वन विभाग को दी। वन विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर शव का निरीक्षण किया और शिकार की पुष्टि की। प्रारंभिक जांच में पता चला कि सुअर का शिकार संभवतः अवैध तरीके से किया गया। शव के पास कुछ साक्ष्य भी मिले, जिनके आधार पर पड़कीपाली निवासी एक व्यक्ति को हिरासत में लिया गया।

वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि आरोपी से पूछताछ जारी है और शिकार में उपयोग किए गए उपकरणों की तलाश की जा रही है। वन्यप्राणी संरक्षण अधिनियम के तहत कड़ी कार्रवाई की तैयारी की जा रही है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “जंगली सुअर जैसे वन्यजीवों का शिकार गंभीर अपराध है। हम इस मामले की गहन जांच कर रहे हैं और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।”
वन विकास निगम को सौंपी गई जिम्मेदारी
प्रकरण को वन विकास निगम के अधिकारियों को सौंप दिया गया है, जो अब इस मामले की विस्तृत जांच करेंगे। निगम के अधिकारियों ने बताया कि वे इस घटना के पीछे के कारणों और अन्य संभावित संलिप्त व्यक्तियों का पता लगाने के लिए तत्पर हैं। साथ ही, क्षेत्र में अवैध शिकार को रोकने के लिए गश्त और निगरानी बढ़ाने का निर्णय लिया गया है।
ग्रामीणों में आक्रोश
इस घटना ने स्थानीय ग्रामीणों में भी आक्रोश पैदा कर दिया है। कई ग्रामीणों का कहना है कि जंगली सुअर अक्सर खेतों में फसलों को नुकसान पहुंचाते हैं, जिसके कारण कुछ लोग अवैध शिकार का सहारा लेते हैं। हालांकि, ग्रामीणों ने वन विभाग से मांग की है कि फसलों की सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाए जाएं ताकि ऐसी घटनाएं रोकी जा सकें।
आगे की जांच और कार्यवाही
वन विकास निगम के अधिकारियों ने आश्वासन दिया है कि इस मामले में पूरी पारदर्शिता के साथ जांच की जाएगी। साथ ही, क्षेत्र में वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए जागरूकता अभियान चलाने की योजना बनाई जा रही है। इस घटना ने एक बार फिर वन्यजीव संरक्षण और मानव-वन्यजीव संघर्ष के मुद्दे को चर्चा में ला दिया है।




